एम्स, भोपाल का लक्ष्य है कि पीएमएसएसवाई की परिकल्पना के अनुरूप इस संस्थान को निम्नलिखित सुझावों के साथ मध्य भारत के लोगों की सेवा के लिए एक उत्कृष्ट स्वास्थ्य देखभाल केन्द्र के रूप में स्थापित किया जाए।
ए. निर्माण कार्य
1. एम्स परिसर में नर्सिंग कॉलेज के नए भवन का निर्माण कार्य पूरा हो गया है और नर्सिंग कॉलेज आंरभ हो चुका है।
2. 14 माड्यूलर आपरेशन थियेटर का कार्य पूर्ण हो गया है और इसमें कार्य संचालन आरम्भ हो चुका है।
3. एम्स, भोपाल में भवन के सभी 135 ब्लॉकों का निर्माण हो चुका है और इन्हें संबंधित विभागों को सौंप दिया गया है।
4. एम्स परिसर में आरडीए कैंटिन, मेडिकल कॉलेज में एक डीनरी ब्लॉक तथा एम्स, भोपाल में विष सूचना केन्द्र आरंभ हो चुके है।
B. सेवाएं
1. आमजन के लिए आपातकालीन एवं ट्रामा सेवाएं 24x 7 शुरू की जा चुकी है।
2. अस्पताल के ट्रामा एवं आपातकालीन सेवा विभाग के अधीन एडवांस एंड बेसिक लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस सेवा का संचालन शुरू हो गया है।
3. एम्स के ओपीडी में पीएमएसएसवाई के अधीन भारत सरकार की प्रतिष्ठित आयुष्मान योजना आरंभ की गई है।
4. अस्पताल के ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन एवं ब्लड बैंक विभाग में ब्लड कम्पोनेंट सेपरेशन यूनिट तथा एफ्रेसिस फेसिलिटी आरंभ हो चुकी है।
5. वर्ष 2018-19 में 3 टेसला एमआरआई का शुभांरभ होने के बाद वर्ष 2018-19 में 5814 सी.टी. की तुलना में वर्ष 2019-20 में 8123 सी.टी., वर्ष 2018-19 में 3635 एमआरआई की तुलना में वर्ष 2019-20 में 6463 एमआरआई, वर्ष 2018-19 में 18475 यूएसजी की तुलना में वर्ष 2019-20 में 23726 यूएसजी रेडियोलाजिक सेवाएं दर्ज की गई। विभाग में वर्ष 2019-20 में 104 डीएसए, 70 मेमोग्राफी तथा 113 डीआरएफ किए गए। इतना ही नहीं कोविड-19 महामारी के समय जब ओपीडी सेवाएं बंद थी उस दौरान भी इन जांच एवं परीक्षण प्रयोगशालाओं में बड़ी संख्या में जांच संपन्न हुई जो एम्स, भोपाल में केवल आपातकालीन सेवाओं में पहुंचने वाले मरीजों की संख्या के आंकड़ों को स्पष्ट दर्शाते है। यह दर्शाता है कि संस्थान के प्रति लोगों का विश्वास बहुत अधिक बड़ा है।
6. इस दौरान कार्डियोलाजी ओपीडी वार्ड, आथोपेडिक्स वार्ड, ट्रामा एवं आपातकालीन साइकेट्रिक वार्ड, न्यूरोसर्जरी वार्ड, आनकोलाजी वार्ड, बर्न एवं प्लास्टिक सर्जरी वार्ड, कार्नियल ट्रांसप्लांट, आक्यूलोप्लास्टिक सर्विसेज, ईएनटी स्पीच लैबोरेटरी, आई बैंक तथा विभिन्न अन्य सेवाएं प्रारंभ की गई। जिसके परिणाम स्वरूप 42 चालू विभागों सहित बिस्तरों की क्षमता 574 से बढ़कर 960 पहुंच गई है। इनमें 18 स्पेशियलिटी तथा 17 सुपर स्पेशियलिटी बिस्तर सम्मिलित है।
C. शिकायत प्रकोष्ठ
1. निदेशक के पोर्टल पर कुल 15 शिकायते प्राप्त हुई थी और इन सभी शिकायतों का निराकरण कर दिया गया है।
2. सीपीजीआरएएमएस पोर्टल पर भी शिकायत के कुल 233 मामले प्राप्त हुए जिनमें से 230 मामलों का निपटान कर दिया गया।
डी.. शिक्षा अनुसंधान एवं रोगी देखभाल
1. संस्थान शिक्षा अनुसंधान (राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय) तथा रोगी देखभाल को और गति प्रदान करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। एम्स, भोपाल नेशनल नालेज नेटवर्क (एनकेएन) में एक सहयोगी संस्थान है। जिसमें इस क्षेत्र की अद्यतन जानकारी साझा करने के लिए पूरे देश के 52 मेडिकल कालेज जुडे़ है।
2. संस्थान नए स्थापित सभी एम्स से आगे बढ़ते हुए अनुसंधान गतिविधियों में सामंजस्य के लिए एक समर्पित अनुसंधान सेल की स्थापना की है। पिछले दो वर्षों में कुल 233 पब्लिकेशन हुए है। एम्स, भोपाल के संकाय विशेषतः ट्यूबरक्यूलोसिस, कैंसर परीक्षण, संक्रामक बीमारियों, क्रोनिक किडनी डिसीजों, पर्यावरण टाक्सीन, हेल्थ केयर डिलेवरी सिस्टम, गंभीर कुपोषण, स्वास्थ्य पर योग का प्रभाव, मेडिटेशन तथा एंटीमाइक्रोबियल स्टीवर्डशिप इत्यादि पर चुनौतीपूर्ण अनुसंधान कर रहे है। भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय तथा मध्यप्रदेश सरकार ने एम्स भोपाल को कोविड-19 अनुसंधान के लिए उत्कृष्ट केन्द्र का दर्जा दिया है। संस्थान कोविड-19 ट्रीटमेंट के लिए माइक्रोबैक्टिरियम डब्ल्यू (एम डब्ल्यू) क्लीनिकल ट्रायल शुरु करने वाला पहला संस्थान है। एम्स, भोपाल के संकाय द्वारा पिछले एक वर्ष में विभिन्न फडिंग एजेंसियों को बाहरी फंडिग के लिए कुल 180 रिसर्च प्रपोजल प्रस्तुत किए गए थे। इनमें से 45 प्रोजेक्टस फंडिंग के लिए अनुमोदित किए गए। इन एजेंसियों से प्रतिष्ठित फडिंग एजेंसियों में आईसीएमआर, डीएसटी, डीबीटी, बीआईआरएसी, डीएचआर, यूनिसेफ, मध्य प्रदेश सरकार शामिल है। इस अवधि में इन परियोजनाओं के लिए कुल अनुदान की राशि 25.11 करोड़ रुपये है। शासकीय धन आबंटन से सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन लेबर डिलीवरी एंड रिकवरी (एलडीआर) तथा एजीस ऑफ इंडियन फार्माकोपिया कमीशन, गाजियाबाद के अधीन फार्माकोलाजी विभाग में मेडिकल डिवाइस एडवर्स इवेंट मानीटरिंग सेंटर की स्थापना की गई है।
3. यह किसी भी एम्स में पहली बार है कि एम्स भोपाल में ट्रांसलेशनल मेडिसिन के लिए एक अलग केंद्र स्थापित किया गया है। इस केन्द्र में समर्पित संकाय सदस्य तथा होलजीनोम सिकुएंसर औटोमटेड न्यूक्लिक एसिड एक्स्ट्रक्टर जैसे उपकरणो के साथ अत्याधुनिक बुनयादी सुविधाए उपलब्ध होगी। पशुओं पर ड्रग एवं वेकसिन के परीक्षण के लिए फ्लो साइटोमीटर एटोमिक एबजोर्बसन सिस्टम तथा इन-विवो-इमेज एनालाइजर। संकाय के लिए यह आवश्यक होगा कि रूप से नए डायग्नोस्टिक तथा मानव डिवाइसेस, ड्रग्स, वैक्सीन तथा आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (कृत्रिम बुद्धिमता) पर आधारित प्रणालियों का विकास करें।
E.प्रशासन
1. संस्थान में ग्रप ’’ए’’ एवं ’’बी’’ के विभिन्न पदों पर नियमित तथा प्रतिनियुक्ति पर कुल 95 उम्मीदवारों ने कार्य ग्रहण किया है
2. अन्य 165 सीनियर रिसर्च तथा 307 जूनियर रिसर्च सहित वर्ग ’’बी’’ पदों में 1313 नर्सिंग स्टाफ के पदों को भर लिया गया है।
एफ. कोविड-19
1. एम्स, भोपाल में कोविड-19 के प्रबंधन के लिए पहली क्लिीनिकल ट्रायल शुरू की है तथा सीएसआईआर, डब्ल्यूएचओ, आईसीएमआर के वित्तीय अनुदान से और ट्रायल शुरू किए जा रहें है। मध्य प्रदेश शासन शैक्षणिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए सक्रियता से विभिन्न सुविधाएं मुहैया करा रहा है जिससे परस्पर लाभ हो तथा मुख्य रूप से रोगी लाभांवित हों। एम्स, भोपाल में राज्य के मेडिकल कॉलेजों को कोविड-19 टेस्टिंग के लिए मैंटरिंग सहित राज्य सरकार को अनेक प्रकार के सहयोग भी प्रदान करता है। हमारे संकाय सदस्य विभिन्न कार्य दलों एवं सलाहकार समितियों के जरिए राज्य सरकार को परामर्श भी दे रहें है। साथ ही संस्थान अपने अथक प्रयासों के चलते निजी संगठनों के साथ-साथ सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से सीएसआर फडिंग के रूप में बड़ी राशि हासिल करने में सफल हुआ है। एम्स, भोपाल को कुल रूपये 10,38,95,309 सीएसआर फडिंग के रूप में प्राप्त हुए और हम इस फंड की सहायता से अत्याधुनिक उपकरण तथा हाई एंड सेंट्रल फेसिलिटी की स्थापना कर रहें है।
2. संस्थान ने अनुसंधान गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अल्पकालिक अवधि के लिए अपनी प्रयोगशाला सुविधाएं उपलब्ध कराना प्रारंभ किया है। यहां उल्लेख करना महत्वपूर्ण होगा कि संस्थान ने सी एंड डीएसटी.टीण्बीण् लेबोरेटरी के साथ.साथ रीजनल वायरोलाजी डायग्नोस्टिक लेबोरेटरी (आरवीडीएल) प्रारंभ की है जो राज्य में इस तरह की पहली लेबोरेटरी है। समग्र दृष्टिकोण अपनाते हुए संस्थान ने एम्स, नई दिल्ली के साथ मिलकर एक कैंसर उपचार केन्द्र की स्थापना की है।
3. एम्स, भोपाल में कोविड-19 से संबंधित गतिविधियों के तहत प्रतिदिन प्रेस विज्ञप्ति तैयार की गई। यह महत्वपूर्ण है कि यहां गंभीर मरीजों को रेफर किए जाने के बावजूद भी यहां की मृत्यु दर बहुत कम थी। एम्स, भोपाल में पूरे भारत में सर्वाधिक टेस्ट किए है जहां तक सरकारी संस्थानों का संबंध है तो संस्थान में एम्स, नई दिल्ली से भी अधिक टेस्ट किए गए।